लेह-लद्दाख में आर्मी ट्रक खाई में गिरने से शहीद हुए
हरियाणा के 3 जवानों का सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। रोहतक, नूंह और पलवल में उन्हें भारी संख्या में लोगों ने अंतिम विदाई दी। हरियाणा के शहीद जवानों में रोहतक के अंकित, पलवल के मनमोहन सिंह और नूंह के तेजपाल सिंह शामिल हैं। तीनों के पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव पहुंचे थे।
रोहतक के अंकित को छोटे भाई, नूंह के तेजपाल को 6 साल के बेटे और पलवल के मनमोहन को एक साल के बेटे ने मुखाग्नि दी।
रोहतक के अंकित को भाई ने दी मुखाग्नि, पत्नी 3 माह की गर्भवती
रोहतक के गांव गद्दी खेड़ा के अंकित को छोटे भाई दीपक ने मुखाग्नि थी। दीपक ने कहा कि वह भी आर्मी में जाएगा। सेना में भर्ती होकर देश सेवा करेगा। इस दौरान मंत्री अनूप धानक, महम विधायक बलराज कुंडू, डीसी अजय कुमार व एसपी हिमांशु गर्ग आदि पहुंचे।
गांव गद्दी खेड़ी के सरपंच प्रतिनिधि सेवा सिंह ने बताया कि शहीद अंकित की पत्नी प्रीति करीब तीन माह की गर्भवती हैं। अब अंकित की निशानी के रूप में आने वाले बच्चे को देख रही हैं। साथ ही अंकित की पत्नी प्रीति ने कहा कि अब उनके घर में केवल उनका देवर दीपक ही सहारा बच गया है। इसलिए दीपक को सेना में भर्ती किया जाए।
पलवल के शहीद को 1 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
पलवल के बहीन गांव में शहीद जवान मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ किया गया। शहीद के एक साल के बेटे अर्पित ने दादा बाबूराम (पंडित) की गोद में बैठकर पिता की चिता को मुखाग्नि दी। 1 वर्षीय बच्चा जब अपने पिता को मुखाग्नि दे रहा था तो सभी की आंखें नम हो गई। हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उनको विदा देने पहुंची है। पलवल केजीपी-केएमपी एक्सप्रेस-वे चौराहे से शव यात्रा बहीन गांव तक निकाली गई।
नूंह के शहीद को 6 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
नूंह जिले के संगेल निवासी तेजपाल सिंह के पार्थिव शरीर का सोमवार को हरियाणा के नूंह में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। तिरंगा में लिपटा शहीद का शव गांव पहुंचा तो वहां मौजूद महिलाओं पुरुषों ने पुष्प वर्षा की। जिसके बाद शहीद तेजपाल के 6 साल के बेटे हितेश ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। साथी सैनिकों ने शस्त्र झुका कर अपने वीर को सलामी दी।
रोहतक के अंकित ने 2019 में जॉइन की आर्मी
गांव गद्दी खेड़ी निवासी अंकित ने 2019 में आर्मी जॉइन की थी। वह 311 मेड रेजिमेंट में तैनात थे। अंकित की शादी 5 महीने पहले नरेला में हुई थी। शादी के बाद परिवार में खुशियां थी। उसके पिता जसबीर की भी करीब डेढ़ साल पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद परिवार का बोझ अंकित के ही कंधों पर था। उसने खुद अपने मकान का निर्माण करवाया और छोटे भाई को भी आगे बढ़ाने के प्रयास किए, ताकि वह भी सफल हो पाए।
पलवल के मनमोहन मां-बाप के इकलौते बेटे
गांव बहीन के रहने वाले मनमोहन 2016 में आर्टिलरी विंग में गनर थे। मनमोहन सिंह की 3 बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। करीब 5 माह पहले ही उनकी पोस्टिंग लेह लद्दाख में हुई थी। वह अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे। गांव के सरपंच विक्रम का कहना है कि मनमोहन पढ़ाई में काफी होशियार था। उसकी शुरू से ही फौज में जाने की मंशा थी।
नूंह के तेजपाल 2 बच्चों के पिता
संगेल निवासी 33 वर्ष के शहीद तेजपाल सिंह शादीशुदा थे। वे अपने पीछे भरे पूरे परिवार को छोड़ गए हैं। उनके दो बेटों में से एक 6 वर्ष (UKG क्लास) और दूसरा 3 वर्ष का है। शहीद तेजपाल के दो भाई और एक बहन हैं। तीनों की शादी हो चुकी है। एक भाई प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है तथा दूसरा किसान है। शहीद तेजपाल के पिताजी जयवीर सिंह भी किसान हैं और उनके पास लगभग 6-7 एकड़ कृषि योग्य जमीन है।
परिजनों ने बताया कि शहीद तेजपाल एक महीने पहले ही छुट्टी काट कर ड्यूटी पर गया था। उसकी शादी 7 साल पहले हुई थी। उनकी पत्नी मीनू 16 अगस्त को दोनों बच्चों को लेकर लेह लद्दाख घूमने के लिए ट्रेन से गई हैं। हादसे के बाद अन्य जवानों ने पत्नी को कुछ नहीं बताया और कोई बहाना बताकर संगेल गांव के लिए भेज दिया।
जींद के अनुज काे फ्रैक्चर आया
जींद के ढिगाना गांव के 22 वर्षीय अनुज भी आर्मी के ट्रक में सवार थे। उनकी जांघ में फ्रैक्चर आया है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सोमवार को अनुज को चंडीगढ़ लाए जाने की संभावना है।
चाचा राजबीर ने बताया कि अनुज के पिता बिजेंद्र सिंह भी आर्मी में थे, जिनका लगभग 10 साल पहले ऑन ड्यूटी निधन हो गया था। अनुज की मां की भी काफी समय पहले मौत हो गई थी। परिवार में अनुज से 2 बड़ी बहन हैं, जो शादीशुदा हैं। अनुज 2021 में आर्मी रिजर्व रेजिमेंट में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था।
Thanks You for visit www.hodalnews.com