15 August: पाकिस्तान के लिए अगस्त सिर्फ सदमे वाली खबरें लेकर आ रहा है. पाकिस्तानी इतने दुखी हैं कि वो 14 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस का जश्न नहीं मना रहे और इधर सीमा पार हिंदुस्तान से पाकिस्तान को ऐसी ऐसी तस्वीरें और खबरें मिल रही हैं कि उसका ग़म और ज्यादा बढ़ता जा रहा है. 15 अगस्त से पहले भारतीय सेना ने ट्रिपल सदमा दिया है. देश की रक्षा के लिए भारत की तैयारियों को नेक्स्ट लेवल पर पहुंचा दिया है. पाकिस्तान को सदमे की पहली किश्त भारतीय वायुसेना से मिली जिसने अब श्रीनगर में अपग्रेड किए गए मिग-29 को तैनात कर दिया है. ये खबर पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की टेंशन भी बढ़ाने वाली है क्योंकि अपग्रेड होकर कई खूबियों से लैस हुआ मिग-29 अब चीन पर भी निगाहें रखेगा.
जम्मू कश्मीर में मिग 29 का घातक अवतार
घाटी में भारतीय वायुसेना के गरुण कमांडो आतंक की कमर तोड़ने को बेकरार हैं. और पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना ने घातक युद्धाभ्यास करके अपने पराक्रम की झलक दिखाई है. बीजिंग से इस्लामाबाद तक भारत की इन गतिविधियों की चर्चा हो रही है. भारतीय सेना के इस पराक्रम को देखकर चीन को टेंशन और पाकिस्तान को ट्रिपल टेंशन हो रही होगी. हम आपको एक-एक करके बताते हैं किस तरह भारतीय सेना ने 15 अगस्त से पहले पाकिस्तान को ट्रिपल सदमा दिया है.
पाकिस्तान और चीन टेंशन में
सबसे पहले भारत के उस कदम के बारे में बताते हैं, जो पाकिस्तान और चीन दोनों की टेंशन बढ़ाने वाला है. भारतीय वायुसेना की बड़ी ताकत मिग 29 के नाम से दुश्मनों के दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं. उन्हीं मिग 29 लड़ाकू विमानों को कश्मीर घाटी में वायुसेना के एयरबेस पर तैनात कर दिया गया है. जब पाकिस्तान को मालूम चलेगा कि पुराने पड़ चुके मिग 21 बाइसन जिन्होंने एफ 16 को जमीन पर गिरा दिया था उसकी जगह लेने अब मिग 29 आ गए हैं तो ये खबर पाकिस्तान को और ज्यादा बेचैन करेगी.
पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे
भारतीय वायुसेना की 223 स्क्वाड्रन, जिसका ध्येय वॉक्य है विजयाय अमोघास्त्र अब घाटी से चीन और पाकिस्तान दोनों के खतरे से निपटेगी. हमले की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब देगी. और जरूरत पड़ी तो अभिनंदन की तरह फिर से भारतीय वायुसेना के जांबाज़ पायलट और आधुनिक हो चुके मिग-29 लड़ाकू विमानों से पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे. अब आप समझिए श्रीनगर में मिग—29 की तैनाती क्यों ज़रूरी थी और किस तरह से श्रीनगर में तैनात मिग 29 पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की तरफ से आने वाले खतरे के लिए भी गेमचेंजर साबित होगा.
घाटी में मिग-29 गेमचेंजर
-मिग-29 का रिस्पॉन्स टाइम कम
-सिर्फ 6 मिनट में हमले को तैयार
-वेट-टू-थ्रस्ट रेश्यो काफी अच्छा
-लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस
इन्हीं खूबियों की वजह से इन लड़ाकू विमानों को उड़ाने वाले पायलट्स भी दुश्मनों को धूल चटाने के लिए आत्मविश्वास से भरे दिखाई दे रहे हैं. मिग-29 के पायलट स्क्वाड्रन लीडर विपुल शर्मा ने बताया कि श्रीनगर एयरफील्ड कश्मीर घाटी के मध्य में स्थित है और इसकी ऊंचाई मैदानी इलाकों से अधिक है. सीमा के निकट होने के कारण यहां पर कम प्रतिक्रिया समय और अधिक वेट-टू-थ्रस्ट रेश्यो और वाला विमान रखना रणनीतिक रूप से बेहतर है. मिग—29 बेहतर एवियोनिक्स और लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस है. यानी इन सभी मानदंडों को पूरा करता है जिसके कारण हम दोनों मोर्चों पर दुश्मनों से लोहा लेने में सक्षम हैं.
इन्हीं खूबियों की वजह से मिग—29 को श्रीनगर में तैनात करने का फैसला लिया गया है. लेकिन चीन और पाकिस्तान के दोहरे खतरे से निपटने के लिए ये मिग—29 अब कई खूबियों से लैस किए गए हैं. जो श्रीनगर में तैनात मिग 29 को और ज्यादा घातक बनाते हैं.
और घातक हुआ मिग-29
-उन्नत राडार
-लंबी दूरी की एयर टू एयर मिसाइल
-एयर टू ग्राउंड मिसाइल
-हथियार नियंत्रण प्रणाली
-दुश्मनों के साथ एयर स्ट्राइक होने पर दुश्मन के विमानों की क्षमताओं को जाम कर सकती है
-यह रात में नाइट विजन चश्मे के साथ काम कर सकता
-हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता के कारण इसकी रेंज लंबी है.
मिग-29 के पायलट स्क्वॉड्रन लीडर शिवम राणा ने बताया कि अपग्रेडेड मिग 29 एक आधुनिक मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है..इसमें रात में देखने योग्य कॉकपिट है...इसकी फ्यूल कैपेसिटी भी ज्यादा है..हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता के कारण इसकी लंबी दूरी है. हमने हवा से ज़मीन पर मार करने वाले हथियारों को भी शामिल किया है जो पहले नहीं था. विमान की सबसे बड़ी क्षमता पायलट हैं जिन्हें भारतीय वायु सेना द्वारा इन विमानों पर सेवा देने के लिए चुना जाता है.
अब अपग्रेड मिग-29
अब अपग्रेड मिग-29 विमान कश्मीर घाटी के नए रक्षक बन गए हैं. भले ही भारतीय वायुसेना के मिग श्रेणी के अधिकतर विमान फ़ेज आउट हो चुके हैं लेकिन मिग 29 में व्यापक संशोधन किये गए हैं जिससे उनकी युद्धक क्षमता काफी ज्यादा बढ़ गई है. जो चीन और पाकिस्तान दोनों की टेंशन बढ़ाने वाली खबर है. 2025 तक कश्मीर से मिग 21 बायसन की सारी स्क्वॉड्रन हटा दी जाएंगी जिनकी जगह भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस ले लेंगे.
कश्मीर में मिग-29
कश्मीर में भारत की वायुसेना ने मिग-29 की तैनाती से पाकिस्तान और चीन को कड़ा संदेश दिया तो राजस्थान से लगते पाकिस्तान बार्डर पर भी भारतीय थल सेना ने पराक्रमी प्रदर्शन करके पाकिस्तान को भारत की ताकत का ट्रेलर दिखा दिया है. 15 अगस्त से पहले भारतीय सेनाओं के युद्धाभ्यास की तस्वीरें देखकर पाकिस्तान यकीनन सदमे में होगा. क्योंकि भारतीय टैंकों की ताकत और भारतीय सैनिकों की हिम्मत भी कंगाली का सामना कर रही पाकिस्तानी सेना के लिए सदमे से कम नहीं.
भारतीय टैंक की गर्जना
राजस्थान के रेगिस्तान में गजरते हुए दुश्मनों पर काल की तरह तेज रफ्तार से टूटने के लिए तैयार भारतीय टैंक की गर्जना, रफ्तार और इसके बरसते हुए गोले देखकर सीमा पार पाकिस्तान की आर्मी के दिल की धड़कनें बढ़ रही होंगी. एक तरफ पाकिस्तान की आर्मी के पास अपने वाहनों में तेल भरवाने के पैसे तक नहीं हैं. दूसरी और भारतीय सेना और ज्यादा मजबूत होती जा रही है. भारत की टैंक बिग्रेड दुश्मनों को कुचलने के लिए बेताब नजर आ रही है. भारतीय सेना का ये पराक्रमी प्रदर्शन भारत-पाकिस्तान सीमा के नज़दीक उन इलाकों में हो रहा है जहां भारत पाकिस्तान को उसकी गुस्ताखियों की सजा दे चुका है.
मशीनगनें भी गरजीं और मोर्टार भी
राजस्थान के जैसलमेर में लोंगेवाला और पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में ये भारतीय सेना का युद्धाभ्यास है. जहां टैंक गरजे तो हवा में हेलिकॉप्टर्स ने भी दुश्मनों को कांपने के लिए मजबूर करने वाली उड़ान भरी. यहां मशीनगनें भी गरजीं और मोर्टार भी. हालांकि पाकिस्तान अब ऐसी हिमाकत करने की स्थिति में नहीं है लेकिन फिर भी भारतीय सेना ने ट्रेलर दे दिया है. अगर भारत की भूमि की तरफ आंख उठाई तो सेना कुचल कर रख देगी.
भारतीय सेना का युद्धाभ्यास
चलिए अब आपको भारतीय सेना के युद्धाभ्यास में शामिल हुए दुनिया के सबसे घातक टैंकों में शुमार अर्जुन और टी 90 की ताकत के बारे में बताते हैं. और यह भी बताते हैं कि क्यों इन्हें भारतीय सीमाओं की सुरक्षा की गारंटी कहा जाता है. रेगिस्तान जहां पर युद्ध के दौरान ना कोई पेड़ पौधे होते हैं ना ही कोई दूसरी मदद. दुश्मन के सामने सिर्फ टैंक ही जवान के साथ होता है. वहां पर टैंक का शक्तिशाली होना बेहद ज़रूरी है. सबसे पहले खुद भारतीय सेना के जांबाजों से सुनिए भारत के स्वदेशी अर्जुन टैंक की ताकत के बारे में.
भारतीय सेना की शान टी-90 टैंक
T-90 टैंक को सामान्य रास्ते पर 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाया जा सकता है. जबकि उबड़खाबड़ रास्ते पर इसकी अधिकतम रफ्तार 50 किलोमीटर प्रतिघंटे के करीब होती है. T-90 का शुमार देश के सबसे शक्तिशाली टैंकों में होता है, इसका आर्मर्ड प्रोटेक्शन शानदार है और यह जैविक और रासायनिक हथियारों से निपटने में सक्षम है. चलिए अब टी 90 की उन खासियतों के बारे में बताते हैं जो रणक्षेत्र में इसे दुश्मनों का काल बनाती है.
भारतीय सेना के घातक टैंक
तो भारतीय सेनाओं के सबसे घातक टैंकों के पश्चिमी मोर्चे पर मौजूदगी भारत की सीमाओं को सुरक्षित बनाती हैं. ये वो ही क्षेत्र है जिसे भारतीय सेना ने 1971 की जंग में पाकिस्तानी टैंकों की कब्रगाह बना दिया था आज भी यहां उसकी निशानियां मौजूद हैं. भारतीय सेना ने इस युद्धाभ्या में सिर्फ टैंकों हेलीकॉप्टर का दम नहीं दिखाया डेजर्ट वॉर गेम में पैदल सेना किस तरह से काम करती है, उसका प्रदर्शन भी किया.
भारतीय सैनिकों का शारीरिक दमखम
सेना की पैदल टुकड़ी ने हथियार छूट जाने पर, गोला बारूद खत्म होने और युद्ध की कोई ऐसी विपरीत परिस्थिति, जिसमें कोई हथियार पास में न हो, तब अपने दमखम से किस तरह से दुश्मन को काबू में किया जाए या उसका खात्मा किया जाए, इसका सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया. भारतीय सेना के जवानों ने दिखाया हथियार ना होने पर वो बॉक्सिंग, किक बॉक्सिंग और शारीरिक दमखम के बदौलत भी दुश्मनों को धूल चटा सकते हैं.
रेगिस्तान में ताकतवर भारत
इसके अलावा भारतीय सेनाओं की हथियार बंद टुकड़ियों ने रेगिस्तान में तेज गति से चलने वाले खास वाहनों के जरिए दुश्मन तक तेजी से पहुंचने का अभ्यास किया. घातक हथियारों से लैस ये टुकड़ी भी किसी भी दुश्मन का काम तमाम कर कसती है. भारतीय सेना की ये तैयारी और ये दमखम पहले से ही कमज़ोर पाकिस्तान की सेना का हौसला पूरी तरह से तोड़ देगा.
पाकिस्तान बेचैन
इस बीच भारत में आतंक फैलाने की साजिश कर रहे पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर से आई एक और तस्वीर बेचैन कर रही होगी. एक तरफ आपरेशन आल आउट के बाद घाटी में आतंकवाद आखिरी सांसें ले रहा है. दूसरी तरफ भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो भी घाटी में आतंक के सफाए के काम में लगे हैं. पाकिस्तान परस्त आतंकियों के लिए ये ख़बर भी किसी सदमे से कम नहीं.
भारतीय वायुसेना के गरुण कमांडो
जिनकी ट्रेनिंग..जिनका निशाना..जिनकी तेजी...जिनका दमखम..जिनकी चपलता इन्हें दुनिया के सबसे घातक कमांडोज़ में शामिल करती है. और अब ये गरुड़ कमांडो घाटी में आतंक का काल बने हुए हैं. भारतीय सेना और सुरक्षाबल घाटी से आतंक का नामोनिशान मिटाने में जुटे हुए हैं. गरुड़ कमांडो इस मुहिम में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. गरुड़ कमांडोज़ के इस दमखम को देखकर घाटी में आतंक फैलाने के लिए सीमा पार करने की सोच रहे आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के उनके आकाओं का दम यकीनन फूल रहा होगा.
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