लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते पीएम नरेंद्र मोदी. (एएनआई)
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के लिए भाग्यशाली है, क्योंकि शक्ति परीक्षण एनडीए के लिए नहीं, बल्कि विपक्ष के लिए है, जिसने संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कई सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं और ‘मैंने भी कुछ सदस्यों के भाषण सुने हैं’. यह कहते हुए कि देश के लोगों ने कई बार एनडीए सरकार पर अपना भरोसा दिखाया है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं यहां भारत के लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए हूं.’ प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवान दयालु हैं और अगर वह ठान लेते हैं तो किसी भी माध्यम से लोगों की इच्छा पूरी करते हैं. उन्होंने कहा, ‘और मैं इसे आशीर्वाद मानता हूं कि भगवान ने विपक्ष को सुझाव दिया और वे (अविश्वास) प्रस्ताव लेकर आए.’
उन्होंने कहा, ‘2018 में भी जब विपक्ष के सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाए थे तो यह भगवान की इच्छा थी और तब भी मैंने कहा था कि यह हमारी सरकार का शक्ति परीक्षण नहीं है, बल्कि यह उनका (विपक्ष का) शक्ति परीक्षण है.’ पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं देख सकता हूं कि आपने तय कर लिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए और भाजपा अधिक बहुमत के साथ पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे.
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब के दौरान पीएम मोदी की 10 खास बातें
कुछ दिन पहले बेंगलुरु में आप लोगों (विपक्ष) ने मिलजुल कर यूपीए का क्रिया-कर्म किया है. लोकतांत्रिक व्यवहार के अनुसार मुझे तभी आपसे सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी, लेकिन देरी में मेरा कुसूर नहीं है. क्योंकि आप खुद ही एक ओर यूपीए का क्रिया-कर्म कर रहे थे और दूसरी ओर जश्न भी मना रहे थे.
मैं विपक्ष के साथियों से कहना चाहता हूं कि आप जिसके पीछे चल रहे हैं, उसको तो इस देश की जुबान और संस्कार की समझ ही नहीं बची है. पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल मिर्च और हरी मिर्च का फर्क ही नहीं समझ पाए हैं.
विपक्ष को भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है, इनको भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है. इस सदन को मैं बताना चाहता हूं कि भारत के लोगों में कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा है.
भारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक की, एयर स्ट्राइक की. विपक्ष को भारत की सेना पर भरोसा नहीं था, इनको भरोसा दुश्मन के दावों पर था.
देश की जनता ने दो-दो बार, 30 साल के बाद के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी, लेकिन विपक्ष चुभन है कि गरीब का बेटा यहां कैसे बैठा है.
एक समय था जब मणिपुर में हर व्यवस्था उग्रवादी संगठनों की मर्जी से चलती थी... उस समय सरकार किसकी थी...कांग्रेस की. जब सरकारी दफ्तरों में महात्मा गांधी की फोटो नहीं लगाने दी जाती थी... तब सरकार किसकी थी? जब मरंग में आजाद हिंद फौज के संग्रहालय पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर बम फेंका गया...तब सरकार किसकी थी? जब मणिपुर के स्कूलों में राष्ट्रगान नहीं होने देने का निर्णय लिया जाता था... तब सरकार किसकी थी? जब मणिपुर में मंदिर में शाम चार बजे ताले लग जाते थे... तब सरकार किसकी थी? जब इंफाल के इस्कॉन मंदिर पर बम फेंका गया... तब सरकार किसकी थी?
विपक्ष के लोगों को एक रहस्यमयी वरदान मिला हुआ है कि जिसका भी ये लोग बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा. ऐसा ही एक उदाहरण आपके सामने खड़ा है. 20 साल हो गए क्या कुछ नहीं हुआ पर भला ही होता चला गया.
यहां सदन में मां भारती के बारे में जो कहा गया है, उसने हर भारतीय की भावना को गहरी ठेस पहुंचाई है. ये वो लोग हैं जो कभी लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं, कभी संविधान की हत्या की बात करते हैं.
लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने के लिए तैयार होते हैं, लेकिन उनमें सुनने का धैर्य नहीं होता. अपशब्द बोलो- भाग जाओ, कूड़ा कचरा फेंको - भाग जाओ, झूठ फैलाओ - भाग जाओ.
विपक्ष ने सिद्ध कर दिया है कि देश से बड़ा उनके लिए दल है, देश से पहले उनकी प्राथमिकता दल है. आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख ही आपके दिमाग पर सवार है.
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