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हरियाणा

हमने नहीं मनाई दिवाली, पापा आएंगे तब मनाएंगे', पढ़िए टनल में फंसे मजदूर के बेटे की फरियाद

हमने नहीं मनाई दिवाली, पापा आएंगे तब मनाएंगे', पढ़िए टनल में फंसे मजदूर के बेटे की फरियाद। टनल में आठ राज्यों के चालीस मजदूर फंसे हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा पंद्रह मजदूर झारखंड के हैं. इसके बाद आठ मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. ऑपरेशन पूरा होने वाला है. महज कुछ मीटर ही मलबा बाकी है. इसके बाद तेरह दिनों से सुरंग में फंसी जिंदगियां जिंदाबाद कहेंगी. उत्तरकाशी में एक तरफ रेस्क्यू अभियान जारी है. वहीं, दूसरी ओर इकतालीस मजदूरों के परिजनों की सांसे अटकी हुई हैं. परिजन दुआ कर रहे हैं कि उनके अपने जल्द से जल्द सुरंग से निकल आएं. सुरंग में आठ राज्यों के इकतालीस मजदूर फंसे हुए हैं. सिलक्यारा टनल के अंदर इकतालीस मजदूरों जान तेरह दिनों से अटकी हैं और टनल के बाहर उन इकतालीस मजदूरों के परिजनों की भी सांसे अटकी हुई हैं. आइए जानते हैं कि टनल में फंसे मजदूरों के परिजन क्या कह रहे हैं? तेरह दिनों से लड़ रहे सांसों की लड़ाई। मजदूर सुरक्षित बाहर आ जाएं, इसके लिए उनके परिजन रेस्क्यू टीम के साथ भगवान की शरण में भी गुहार लगा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के अखिलेश भी तेरह दिनों से सुरंग के अंदर सांसों की लड़ाई लड़ रहे हैं और उनका परिवार मां शीतला के सामने उनके सुरक्षित बाहर निकलने की प्रार्थना कर रहा है. सिलक्यारा सुरंग में गिरिडीह के दो मजदूर विश्वजीत और सुबोध भी फंसे हुए हैं. उन्हें जब पता चला कि अब सुरंग में कुछ ही मीटर की ड्रिलिंग रह गई है तो उनके चेहरे पर सुकून दिखा. अपनों के जल्द बाहर आने की उम्मीद के साथ ही वो रेस्क्यू टीम को धन्यवाद दे रहे हैं. बचाने की अपील करते-करते रो पड़ती है मां बिहार के बांका के रहने वाले वीरेन्द्र किस्कू भी टनल में फंसे हुए हैं. तीन बेटी और एक बेटी के पिता वीरेन्द्र किस्कू की पत्नी सिलक्यारा पहुंच चुकी हैं और गांव से उनकी मां सरकार से अपने बेटे को बचाने की अपील करते हुए रो पड़ती हैं. बिहार के ही भोजपुर के सैफ अहमद का परिवार भी बेटे के सुरक्षित बाहर आने की उम्मीद लगाए बैठा है. पहली बार मोबाइल पर बेटे की आवाज सुनने के बाद उन्हें भरोसा है कि बेटा जल्द बाहर आएगा. पापा के आने पर ही मनाएंगे दिवाली उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के भी छ मजदूर दिवाली से पहले टनल में फंसे हुए हैं. परिवार वालों के आंसू नहीं रुक रहे हैं. हालांकि, जिस तरह से रेस्क्यू अभियान चल रहा है उसे देखकर परिवार को उम्मीद बंधी है. टनल में फंसे मजदूर का बेटा कह रहा है कि जब पापा बाहर निकलेंगे तभी दिवाली मनाएंगे. मंडी जिले के विशाल भी टनल के अंदर फंसे हैं. उनका परिवार बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. बेटा अंदर क्या खा पी रहा है? कैसा है? कब बाहर निकलेगा इसे लेकर परिवार परेशान है. मां सरकार से जल्द बेटे को बाहर निकलने की मांग कर रही है. सुरंग के बाहर भी हो रही पूजा। रेस्क्यू टीम मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दिन रात एक किए हुए है. वहीं, स्थानीय लोग भी सभी मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने की कामना में लगे हैं. लोगों ने स्थानीय देवता की 'डोली' को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में लाए और इकतालीस श्रमिकों को बचाने के लिए देवता से प्रार्थना की. सरकार से लेकर शासन प्रशासन तक रेस्क्यू में जी जान से जुटा है. प्रधानमंत्री से लेकर खुद मुख्यमंत्री तक रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तो मजदूरों से बात कर उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं. एक तरफ टनल में रेस्क्यू चल रहा है दूसरी ओर मजदूरों के बाहर निकलने के बाद की भी तैयारियां की जा चुकी हैं. सुरंग के बाहर एंबुलेंस तैनात है. एक अस्थाई अस्पताल भी तैयार किया जा चुका है. एनडीआरएफ भी रेस्क्यू का अभ्यास कर चुकी है. #universe #antriksh #space

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