भरोसे पर दोस्त को पत्नी 'उधार' दी थी चेयरमैन बन गई तो वापस नहीं किया महिला के पति ने अदालत ?
भरोसे पर दोस्त को पत्नी 'उधार' दी थी चेयरमैन बन गई तो वापस नहीं किया महिला के पति ने इंसाफ के लिए अदालत में लगाई गुहार। सियासत का लालच किस हद तक जा सकता है यह कुंडा क्षेत्र की घटना से समझा जा सका है। शादीशुदा एक व्यक्ति पर नेता बनने का ऐसा सुरूर चढ़ा कि मुरादाबाद क्षेत्र में जब नगर पंचायत की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई तो उसने अपने दोस्त से उसकी पत्नी को ‘उधार’ मांग लिया। इत्तफाक से उधार की यह पत्नी चुनाव जीत कर चेयरमैन बन गई। इसके बाद उक्त व्यक्ति ने दोस्त को उसकी पत्नी लौटाने के बजाय उससे निकाह ही कर लिया। महिला भी पति और बच्चों की परवाह किए बिना उक्त नेता के साथ ही रह रही है। अब महिला के परेशान पति ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर पत्नी को वापस दिलाए जाने की गुहार लगाई है। अदालत ने कुंडा थाना पुलिस ने उसके आवेदन पर रिपोर्ट तलब की है। दोस्ती का वास्ता देकर उसकी पत्नी को चुनाव लड़ाने की पेशकश रख दी। कुंडा थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने जसपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि मुरादाबाद निवासी एक व्यक्ति उसके साझे में ठेकेदारी करता था। दोनों के बीच गहरा दोस्ताना था और एक-दूसरे घर में आना-जाना था। आरोप है कि मुरादाबाद निवासी उक्त व्यक्ति पांच माह पूर्व उत्तर प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में अपनी पत्नी को नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ाना चाहता था। लेकिन, उसके क्षेत्र की सीट पिछड़ा वर्ग में आरक्षित हो गई, जबकि वह सामान्य जाति से है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि पीड़ित और उसकी पत्नी पिछड़े वर्ग से हैं। सीट पिछड़ा वर्ग में आरक्षित होने के बाद साथी ठेकेदार ने उसे दोस्ती का वास्ता देकर उसकी पत्नी को चुनाव लड़ाने की पेशकश रख दी। समझौते के तहत साथी ठेकेदार से अपनी पत्नी की कोर्ट मैरिज करा दी। तय हुआ कि सिर्फ चुनाव लड़ाने के लिए वह कागजों में उसके साथ अपनी पत्नी की कोर्ट मैरिज उससे करा दे। चुनाव परिणाम के बाद उसकी पत्नी पूर्ववत उसके घर आकर बच्चों के साथ रहेगी। पीड़ित ने दोस्त की इस बात को मानकर समझौते के तहत साथी ठेकेदार से अपनी पत्नी की कोर्ट मैरिज करा दी। इत्तफाक से महिला चुनाव जीतकर चेयरमैन चुन ली गई। पीड़ित का कहना है कि चेयरमैन चुने जाने के बाद उसने अपने मित्र से कई बार पत्नी को वापस भेजने का अनुरोध किया, लेकिन चेयरमैन पद की व्यस्तता का हवाला देकर वह टालमटोल करता रहा। बाद में पता चला कि पहली पत्नी और बच्चों के रहते ठेकेदार ने चेयरमैन के साथ निकाह कर लिया और बाद में उसे भेजने से साफ इनकार कर दिया। पीड़ित का कहना है कि उसने अभी तक अपनी पत्नी को तलाक नही दिया है। ऐसे में शरीयत के लिहाज से किसी और मर्द के साथ उसका निकाह जायज नहीं है। तहरीर देने पर पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नही की। अदालत ने उसके प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कुंडा थाना पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। कुंडा थानाध्यक्ष सुधीर कुमार ने बताया कि चुनाव को लेकर पत्नी देने के बदले में लेनदेन किए जाने की बात कही जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह घटना छ अगस्त दो हजार अट्ठारह की है। #news #universe #space #antriksh #hodalnews #newsupdate #india #fact #qatar
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