आजमगढ़ में साहित्यकार की पुण्यतिथि पर बोले पूर्व राज्यपाल:डॉ कन्हैया सिंह की साहित्य रचनाओं में दिखता था मिट्टी के प्रति प्यार और समर्पण
आजमगढ़ जिले में जिले के वरिष्ठ साहित्यकार रहे डॉक्टर कन्हैया सिंह की पुण्यतिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जबकि प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय पूर्व सांसद नीलम सोनकर सहित बड़ी संख्या में भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए और भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी। पूर्व राज्यपाल बोले डॉ कन्हैया सिंह की रचनाओं में दिखता था मिट्टी के प्रति समर्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कैलाश मिश्रा ने कहा कि डॉक्टर कन्हैया सिंह की साहित्यिक रचनाओं में मिट्टी के प्रति प्यार धरती के प्रति समर्पण और देश के प्रति निष्ठा का भाव दिखता था। कलराज मिश्र ने कहा कि डॉ. कन्हैया सिंह जनपद की अमूल्य थाती थे। अपने राष्ट्रवादी साहित्यिक चिंतन द्वारा उन्होंने न केवल राष्ट्र प्रथम की उद्घोषणा की अपितु आने वाली पीढ़ियों को भी साहित्य और राजनीति के अद्भुत संगम द्वारा राष्ट्र सेवा की अनुपम प्रेरणा प्रदान की। डॉ. कन्हैया सिंह और मेरा छात्र जीवन से ही पुराना नाता रहा है। इसीलिये उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को आज के युवा साहित्यकारों और समाजसेवियों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण मानता हूँ। कुलपति ने बताया अनुभवी दिग्दर्शक कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने डॉ. सिंह को साहित्य,समाज और राष्ट्र का अनुभवी दिग्दर्शक बताते हुए कहा कि ऐसे महान व्यक्तित्व की कृतियों और कर्मों को न केवल याद करना है। अपितु उनकी बताई गई राह पर चलते हुए अपने अपने कर्मों को राष्ट्र प्रथम के भाव से समर्पित कर भारतीय मनीषा के माध्यम से जनजागरण की अलख जगाकर देश की सेवा करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय ने कहा कि डॉ कन्हैया सिंह जिले की अमूल्य धरोहर हैं। उनके विचारों और साहित्य को सँजोने और उसके द्वारा युवा पीढ़ी को उत्प्रेरित करने की आवश्यकता है। वही कार्यक्रम में शामिल प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि आज डॉक्टर कन्हैया सिंह को याद करने का दिन है उनके विरासत को कैसे संभाला जाए इस पर भी विचार करने की जरूरत है।
from उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर आजमगढ़ जिले में जिले के वरिष्ठ साहित्यकार रहे डॉक्टर कन्हैया सिंह की पुण्यतिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जबकि प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय पूर्व सांसद नीलम सोनकर सहित बड़ी संख्या में भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए और भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी। पूर्व राज्यपाल बोले डॉ कन्हैया सिंह की रचनाओं में दिखता था मिट्टी के प्रति समर्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कैलाश मिश्रा ने कहा कि डॉक्टर कन्हैया सिंह की साहित्यिक रचनाओं में मिट्टी के प्रति प्यार धरती के प्रति समर्पण और देश के प्रति निष्ठा का भाव दिखता था। कलराज मिश्र ने कहा कि डॉ. कन्हैया सिंह जनपद की अमूल्य थाती थे। अपने राष्ट्रवादी साहित्यिक चिंतन द्वारा उन्होंने न केवल राष्ट्र प्रथम की उद्घोषणा की अपितु आने वाली पीढ़ियों को भी साहित्य और राजनीति के अद्भुत संगम द्वारा राष्ट्र सेवा की अनुपम प्रेरणा प्रदान की। डॉ. कन्हैया सिंह और मेरा छात्र जीवन से ही पुराना नाता रहा है। इसीलिये उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को आज के युवा साहित्यकारों और समाजसेवियों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण मानता हूँ। कुलपति ने बताया अनुभवी दिग्दर्शक कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने डॉ. सिंह को साहित्य,समाज और राष्ट्र का अनुभवी दिग्दर्शक बताते हुए कहा कि ऐसे महान व्यक्तित्व की कृतियों और कर्मों को न केवल याद करना है। अपितु उनकी बताई गई राह पर चलते हुए अपने अपने कर्मों को राष्ट्र प्रथम के भाव से समर्पित कर भारतीय मनीषा के माध्यम से जनजागरण की अलख जगाकर देश की सेवा करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय ने कहा कि डॉ कन्हैया सिंह जिले की अमूल्य धरोहर हैं। उनके विचारों और साहित्य को सँजोने और उसके द्वारा युवा पीढ़ी को उत्प्रेरित करने की आवश्यकता है। वही कार्यक्रम में शामिल प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि आज डॉक्टर कन्हैया सिंह को याद करने का दिन है उनके विरासत को कैसे संभाला जाए इस पर भी विचार करने की जरूरत है।
from उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर आजमगढ़ जिले में जिले के वरिष्ठ साहित्यकार रहे डॉक्टर कन्हैया सिंह की पुण्यतिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जबकि प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय पूर्व सांसद नीलम सोनकर सहित बड़ी संख्या में भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए और भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी। पूर्व राज्यपाल बोले डॉ कन्हैया सिंह की रचनाओं में दिखता था मिट्टी के प्रति समर्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कैलाश मिश्रा ने कहा कि डॉक्टर कन्हैया सिंह की साहित्यिक रचनाओं में मिट्टी के प्रति प्यार धरती के प्रति समर्पण और देश के प्रति निष्ठा का भाव दिखता था। कलराज मिश्र ने कहा कि डॉ. कन्हैया सिंह जनपद की अमूल्य थाती थे। अपने राष्ट्रवादी साहित्यिक चिंतन द्वारा उन्होंने न केवल राष्ट्र प्रथम की उद्घोषणा की अपितु आने वाली पीढ़ियों को भी साहित्य और राजनीति के अद्भुत संगम द्वारा राष्ट्र सेवा की अनुपम प्रेरणा प्रदान की। डॉ. कन्हैया सिंह और मेरा छात्र जीवन से ही पुराना नाता रहा है। इसीलिये उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को आज के युवा साहित्यकारों और समाजसेवियों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण मानता हूँ। कुलपति ने बताया अनुभवी दिग्दर्शक कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने डॉ. सिंह को साहित्य,समाज और राष्ट्र का अनुभवी दिग्दर्शक बताते हुए कहा कि ऐसे महान व्यक्तित्व की कृतियों और कर्मों को न केवल याद करना है। अपितु उनकी बताई गई राह पर चलते हुए अपने अपने कर्मों को राष्ट्र प्रथम के भाव से समर्पित कर भारतीय मनीषा के माध्यम से जनजागरण की अलख जगाकर देश की सेवा करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय ने कहा कि डॉ कन्हैया सिंह जिले की अमूल्य धरोहर हैं। उनके विचारों और साहित्य को सँजोने और उसके द्वारा युवा पीढ़ी को उत्प्रेरित करने की आवश्यकता है। वही कार्यक्रम में शामिल प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि आज डॉक्टर कन्हैया सिंह को याद करने का दिन है उनके विरासत को कैसे संभाला जाए इस पर भी विचार करने की जरूरत है।
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