लखनऊ में एक व्यक्ति के साथ ऑनलाइन लोन के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित मैनेजर लाल ने पीजीआई थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मैनेजर लाल की कल्ली पश्चिम में सेनेट्री और टाइल्स की दुकान है। उनकी दोस्ती पड़ोस में ई-स्कूटर की दुकान के मैनेजर भानू प्रताप सिंह से हुई। भानू ने अपने दोस्त मनोज कुमार से मिलवाया, जो दिल्ली के उत्तम नगर का रहने वाला है। भानू ने मैनेजर लाल को बिजनेस लोन दिलाने का झांसा दिया। उन्होंने आधार कार्ड, पैन कार्ड, आईटीआर, एमएसएमई दस्तावेज और दो ब्लैंक चेक भानू को दे दिए। 16 सितंबर को भानू ने उन्हें वृंदावन योजना स्थित मामा चौराहे पर बुलाया। वहां लोन की ऑनलाइन प्रोसेसिंग के बहाने उनका मोबाइल ले लिया। भानू और मनोज ने मोबाइल में कई लोन ऐप डाउनलोड किए। इनसे अलग-अलग राशि के लोन लिए - 18,000 रुपए, 15,000 रुपए, 40,000 रुपए, 50,000 रुपए और 3,600 रुपए। भानू ने 17 सितंबर को 40,000 रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। मनोज ने 16 सितंबर को 25,000 रुपए और 27 सितंबर को 46,000 रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। बाकी राशि लोन ऐप कंपनियों ने अपने हिस्से के तौर पर काट ली। इस तरह भानू और मनोज ने मिलकर करीब 1.70 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
from उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर लखनऊ में एक व्यक्ति के साथ ऑनलाइन लोन के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित मैनेजर लाल ने पीजीआई थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मैनेजर लाल की कल्ली पश्चिम में सेनेट्री और टाइल्स की दुकान है। उनकी दोस्ती पड़ोस में ई-स्कूटर की दुकान के मैनेजर भानू प्रताप सिंह से हुई। भानू ने अपने दोस्त मनोज कुमार से मिलवाया, जो दिल्ली के उत्तम नगर का रहने वाला है। भानू ने मैनेजर लाल को बिजनेस लोन दिलाने का झांसा दिया। उन्होंने आधार कार्ड, पैन कार्ड, आईटीआर, एमएसएमई दस्तावेज और दो ब्लैंक चेक भानू को दे दिए। 16 सितंबर को भानू ने उन्हें वृंदावन योजना स्थित मामा चौराहे पर बुलाया। वहां लोन की ऑनलाइन प्रोसेसिंग के बहाने उनका मोबाइल ले लिया। भानू और मनोज ने मोबाइल में कई लोन ऐप डाउनलोड किए। इनसे अलग-अलग राशि के लोन लिए - 18,000 रुपए, 15,000 रुपए, 40,000 रुपए, 50,000 रुपए और 3,600 रुपए। भानू ने 17 सितंबर को 40,000 रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। मनोज ने 16 सितंबर को 25,000 रुपए और 27 सितंबर को 46,000 रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। बाकी राशि लोन ऐप कंपनियों ने अपने हिस्से के तौर पर काट ली। इस तरह भानू और मनोज ने मिलकर करीब 1.70 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
ऑनलाइन लोन के नाम पर धोखाधड़ी:दुकानदार से दोस्ती कर मोबाइल लिया, ऐप से 1.70 लाख रुपए का लोन ले लिया
अप्रैल 30, 2025
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