Type Here to Get Search Results !

हरियाणा

भारत पहले कहीं और था जो करोड़ों साल में करेंट लोकेशन पर पहुंचा, वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला दावा


Earthquake history and science: भारत में आए भूकंप के लिए जो वजह बताई जा रही है उसके केंद्र में हिमालय और अलग-अलग प्लेट्स हैं और इससे ही भूकंप के खतरे को समझा जा सकता है. यहां आपको भूकंप से जुड़ी ऐसी डिटेल्ड जानकारी मिलेगी जो करोड़ों लोगों ने शायद इससे पहले ना कहीं पढ़ी होगी और न सुनी होगी.

कच्छ का रण और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह है. इस हिस्से बड़े और विनाशकारी भूकंपों की आशंका बनी रहती है. 26 जनवरी 2001 को गुजरात के भुज में ही भारी भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 7.7 थी.

जोन 4 में जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, गंगा के मैदानों के कुछ हिस्से, उत्तरी पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तर बंगाल जैसे क्षेत्र आते हैं. दिल्ली भी जोन 4 में है जो भूकंप के लिहाज से बेहद खतरनाक है और इसमें आए भूकंप से काफी ज्यादा नुकसान होने का खतरा होता है.

देश के बड़े हिस्से पर खतरा!

जोन 3 में भूकंप का खतरा मध्यम स्तर का माना जाता है. इस जोन में चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और भुवनेश्वर जैसे कई शहर हैं, जबकि जोन 2 में भूकंप का खतरा उससे भी कम होता है. इसमें भूकंप से कम नुकसान का जोखिम होता है. त्रिची, बुलंदशहर, मुरादाबाद, गोरखपुर जैसे शहर इस जोन में मौजूद हैं. जोन 1 का जिक्र इसलिए नहीं होता क्योंकि इस जोन में भूकंप की संभावना नहीं के बराबर होती है.

रिक्टर स्केल का योगदान

भूकंप को मापने का तरीका रिक्टर स्केल है जिससे पता चलता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी थी. सामान्य तौर पर रिक्टर स्केल 1 से 9 तक ही होता है. 0-2 तक के रिक्टर स्केल में भूकंप का पता हमें नहीं चलता है ये केवल सीस्मोग्राफ पर रिकॉर्ड होता है. इस स्केल में तीव्रता का हर स्तर पिछले स्तर से 10 गुना ज्यादा गंभीर होता है. इस रिक्टर स्केल में 4 तक तो मध्यम भूकंप की स्थिति होती है यानी ज्यादा नुकसान नहीं होता. 5 के बाद की तीव्रता से दिक्कत शुरू होती है तो 7 के स्तर से शुरू हुई तबाही 8 तक आते-आते विध्वंसकारी तो 9 के बाद सुनामी जैसी प्रबल हो जाती है. जापान में 2011 में आए भूकंप की तीव्रता 9.1 थी उस दौरान जमीन मानो लहरा रही थी.

'जानवरों को भूकंप का अहसास पहले ही हो जाता है'

यूं तो भूकंप लेकर ये कहा जाता है इसका पहले से पता लगाना मुश्किल है. कुछ रिसर्च में ये दावा किया गया है कि जानवरों को भूकंप का अहसास पहले ही हो जाता है. पेरू में किए गए एक रिसर्च में खुलासा हुआ कि भूकंप से पहले जानवरों के व्यवहार में बदलाव देखने को मिला था. इस रिसर्च के मुताबकि पेरू में 7 की तीव्रता का भूकंप आने से पहले यानचागा नेशनल पार्क के जानवरों के व्यवहार में बदलाव देखने को मिला और वो उस जगह को छोड़कर जाने लगे थे. इटली में 2009 में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया, वहां भी जानवरों के व्यवहार में बदलाव दिखा. 1975 में चीन के हाईचेंग शहर में 7.3 का भूकंप आने से कुछ दिन पहले शहर के कुत्तों के व्यवहार में बदलाव दिखा तो प्रशासन ने भूकंप की आशंका से शहर खाली करा दिया. इस कारण से भूकंप आने के बाद ज्यादा लोगों की मौत नहीं हुई.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Bottom Post Ad

Hollywood Movies