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कितनी भी तैयारी कर ले दुश्मन, भारत का ये हथियार हर प्लान को करेगा फेल!

NGARM: हवा से जमीन पर मार करने वाली इस एंटी रेडिएशन मिसाइल में एक होमिंग हेड लगाया गया है जो एक बहुत बड़े इलाके में रेडिएशन के सोर्स को ट्रैक कर सकता है. यह न केवल लॉन्च से पहले बल्कि लॉन्च के बाद भी टारगेट को लॉक करने में सक्षम है.

Rudram anti-radiation missile: आवाज से दोगुनी स्पीड और बंद पड़े राडार सिस्टम को खोजकर खत्म करने में सक्षम भारत का नया हथियार दुश्मन के लिए किसी काल से कम नहीं है. भारत ने दुश्मन के मिसाइल सिस्टम को हवा में ही खत्म करने वाले हथियार को तैयार कर लिया है और अब इसे अगले पड़ाव पर ले जाने की तैयारी है. इंडियन एयरफोर्स ने मेक इन इंडिया के तर्ज पर तैयार रुद्रम नेक्स्ट जेनरेशन एंटी रेडिएशन मिसाइल सिस्टम (NGARM) के लिए सरकार के समक्ष 1400 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव दिया है. इस बात की जानकारी डिफेंस के अधिकारियों ने दी है. यह मिसाइल प्रणाली अपने आप में बेहद खास है, जो दुश्मन के राडार लोकेशन को खोजकर उन्हें हवा में ही नष्ट कर सकती है. इस मिसाइल सिस्टम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है.

रक्षा विभाग के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि DRDO द्वारा विकसित उन्नत मिसाइल सिस्टम के अधिग्रहण का प्रस्ताव अब रक्षा मंत्रालय के पास है. जल्द ही इस पर एक उच्च स्तरीय बैठक कर विचार किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना सुखोई -30 लड़ाकू विमान से अगली पीढ़ी की इन विकिरण रोधी मिसाइलों की टेस्टिंग पहले ही कर चुकी है. ये युद्ध के दौरान दुश्मन के रडार को हमले से पहले ही नष्ट कर सकने में सक्षम है. अधिकारियों ने कहा कि रडार सिस्टम के नष्ट होने के बाद भारतीय वायु सेना के लिए टारगेट पर निशाना लगाने में मदद मिल सकती है.

NGARM मिसाइल को इंडियन एयरफोर्स के सुखोई-30 और मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है. ये मिसाइल बेहद सटीक हैं और इन्हें दुश्मन के रडार सिस्टम को ट्रैक करने की अद्भुत क्षमता के साथ विकसित किया गया है. ये ऐसी स्थिति में भी राडार को ट्रैक कर सकती है जब वो काम न कर रहा हो या बंद हो. NGARM भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित विकिरण रोधी मिसाइल है जिसकी गति आवाज की स्पीड से भी दोगुनी है.

हवा से जमीन पर मार करने वाली इस एंटी रेडिएशन मिसाइल में एक होमिंग हेड लगाया गया है जो एक बहुत बड़े इलाके में रेडिएशन के सोर्स को ट्रैक कर सकता है. यह न केवल लॉन्च से पहले बल्कि लॉन्च के बाद भी टारगेट को लॉक करने में सक्षम है.

NGARM को सेना में शामिल करने पर इंडियन एयरफोर्स को बड़ा बूस्टअप मिलेगा, क्योंकि यह एयरफोर्स को स्वदेशी हथियार प्रणालियों के साथ भविष्य के लिए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने में मदद करेगा.

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