सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के रोजगार परीक्षाओं में 5 अंकों के आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया. (फाइल फोटो)
Haryana Bonus Marks in CET: हरियाणा सरकार की नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक देने के हरियाणा सरकार के फैसले को असंवैधानिक ठहराने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है.
नई दिल्ली: हरियाणा सरकार की नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी भर्ती परीक्षा में सामाजिक-आर्थिक आधार पिछड़े उम्मीदवारों को 5 नंबर का बोनस अंक दिए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है.
बता दें कि हरियाणा सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में 1.80 लाख सालाना आय वाले परिवार को आरक्षण दिया था. इसमें परिवार पहचान पत्र (PPP) वाले युवाओं को ही इसका फायदा दिया जाता था. इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इसे खारिज कर दिया था.
हरियाणा सरकार ने क्यों खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरावाजा
इसे खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि ‘यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है. जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने पहले ही आरक्षण का लाभ दिया है तो यह आर्टिफिशियल श्रेणी क्यों बनाई जा रही है.’ हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दरवाजा खटखटाया था. सरकार ने एग्जाम करवाने वाले हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) के जरिए सुप्रीम कोर्ट में 4 याचिका दायर की थी.
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद साल 2023 में निकाली गई ग्रुप C और D में नियुक्ति पा चुके 23 हजार युवाओं पर संकट खड़ा हो गया है. क्योंकि अब इन लोगों को दोबारा से परीक्षा देना पड़ेगा. अगर वे पास नहीं हो पाए तो नौकरी से बर्खास्त हो जाएंगे. इन्हें भर्ती वाले साल में ही नियुक्ति भी दे दी गई थी.
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