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हरियाणा

लखनऊ में मुख्य सचिव ने मॉड्यूलर STP का किया निरीक्षण:सीवेज के पानी का शोधन देखा, लागत का आकलन कर अन्य शहरों में भी लगेगा सिस्टम

लखनऊ में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मनकामेश्वर उपवन में एसटीपी का निरीक्षण किया है। मौके पर टेलीमाकुस कंपनी के प्रतिनिधियों ने प्लांट के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। मुख्य सचिव ने प्लांट से सीवेज के पानी को शोधन को देखा, जो गोमती नदी में गिर रहा है। दूसरे शहरों में भी लगेगा मुख्य सचिव ने कहा कि यह एक अच्छी टेक्नोलॉजी है। एसटीपी दूषित जल के शोधन और इस प्लांट से शोधन में आने वाली लागत का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद इस टेक्नोलॉजी को अन्य शहरों में अडॉप्ट किया जाएगा। मौके पर उन्होंने जरूरी निर्देश भी दिया। कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया उनका यह प्लांट नदी और तालाब में गिरने वाले नालों के मुहाने पर लगाकर प्रदूषण को कम किया जाता है। इससे गंदे नाले के पानी को साफ करने में मदद मिलती है। इस प्लांट को लगाकर नदियों को प्रदूषण से मुक्त किया जा सकता है। 30 दिनों में स्थापित होता है पूरा सिस्टम यह मॉड्यूलर-आधारित आईएसआर सिस्टम नालों की गंदगी दूर करने के लिए स्थापित किया जा सकता है। यह जगह और जमीन की आवश्यकता को कम करता है। इस मॉड्यूलर-आधारित आईएसआर एसटीपी को तेजी से (30-45 दिन) स्थापित किया जा सकता है। पारंपरिक प्रौद्योगिकियों की तुलना में न्यूनतम स्थान (100-250 वर्ग मीटर) की आवश्यकता होती है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, विशेष सचिव नगर विकास अमित कुमार सिंह, नगर आयुक्त लखनऊ इंद्रजीत सिंह सहित नगर विकास के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

from उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर लखनऊ में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मनकामेश्वर उपवन में एसटीपी का निरीक्षण किया है। मौके पर टेलीमाकुस कंपनी के प्रतिनिधियों ने प्लांट के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। मुख्य सचिव ने प्लांट से सीवेज के पानी को शोधन को देखा, जो गोमती नदी में गिर रहा है। दूसरे शहरों में भी लगेगा मुख्य सचिव ने कहा कि यह एक अच्छी टेक्नोलॉजी है। एसटीपी दूषित जल के शोधन और इस प्लांट से शोधन में आने वाली लागत का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद इस टेक्नोलॉजी को अन्य शहरों में अडॉप्ट किया जाएगा। मौके पर उन्होंने जरूरी निर्देश भी दिया। कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया उनका यह प्लांट नदी और तालाब में गिरने वाले नालों के मुहाने पर लगाकर प्रदूषण को कम किया जाता है। इससे गंदे नाले के पानी को साफ करने में मदद मिलती है। इस प्लांट को लगाकर नदियों को प्रदूषण से मुक्त किया जा सकता है। 30 दिनों में स्थापित होता है पूरा सिस्टम यह मॉड्यूलर-आधारित आईएसआर सिस्टम नालों की गंदगी दूर करने के लिए स्थापित किया जा सकता है। यह जगह और जमीन की आवश्यकता को कम करता है। इस मॉड्यूलर-आधारित आईएसआर एसटीपी को तेजी से (30-45 दिन) स्थापित किया जा सकता है। पारंपरिक प्रौद्योगिकियों की तुलना में न्यूनतम स्थान (100-250 वर्ग मीटर) की आवश्यकता होती है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, विशेष सचिव नगर विकास अमित कुमार सिंह, नगर आयुक्त लखनऊ इंद्रजीत सिंह सहित नगर विकास के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

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